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Wednesday, November 1, 2023

मुलायम के MY फार्मूले से आगे निकले अखिलेश, क्या PDA में अगड़ा की एंट्री से भेद पाएंगे मोदी-शाह की रणनीति

अभय सिंह, लखनऊ: सपा संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन भारतीय राजनीति में उनसे बड़ा जातीय समीकरणों को साधने वाला चाणक्य कोई दूसरा नहीं रहा है। मुलायम सिंह यादव ने जिस प्रदेश में अपने चरखा दांव से कभी अकेले तो कभी गठबंधन में सरकार बनाई, उस उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा से ही जातीय समीकरणों के इर्द-गिर्द घूमती रही है। मुलायम सिंह यादव ने अपने MY (मुस्लिम-यादव) फार्मूले के जरिये यूपी में कई बार सरकार बनाई। इतना ही नहीं, अन्य पार्टियों की अपेक्षा यूपी की ज्यादा लोकसभा सीट जीतकर अपनी ताकत का एहसास कराते हुए केंद्र सरकार में अच्छा खासा दखल भी रखा। अब उनकी सियासत और विरासत को संभाल रहे बेटे एवं सपा मुखिया MY समीकरण से एक कदम आगे बढ़ते हुए PDA समीकरण को जमीन पर उतारने की शुरुआत कर दी है। अखिलेश यादव के PDA का मतलब अबतक पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक था, लेकिन सोमवार को उनके एक बयान के बाद इसमें A फॉर "अगड़ा" भी जुड़ गया है। इसके साथ ही यूपी की राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाओं ने भी जन्म ले लिया है।

PDA के तहत अपनी नैय्या को पार लगाने में जुटे अखिलेश

दरअसल, देश की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर जाता है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी ने यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जोर देना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव 2014, 2017, 2019, 2022 चुनाव में मिली हार से सबक लेते हुए अपनी MY रणनीति से आगे निकलकर PDA के तहत अपनी नैय्या को पार लगाने में जुट गए हैं। इसी के तहत सपा की ओर से PDA समाजवादी साइकिल यात्रा भी निकाली जा रही है। 9 अगस्त को प्रयागराज से शुरू हुई यह यात्रा लगभग 90 दिन बाद प्रदेश की 100 विधानसभा के गांवों और शहरों से होते हुए सोमवार को लखनऊ पहुंची है। अखिलेश यादव ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे स्थित चांद सराय से जनेश्वर मिश्र पार्क तक करीब 25 किमी साइकिल चलाई। यह यात्रा अबतक 5 हजार किमी चल चुकी है।

अखिलेश ने बताई PDA यात्रा निकालने की सच्चाई

जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंचने पर अखिलेश यादव ने बताया कि आखिर इस PDA साइकिल यात्रा निकालने का उद्देश्य क्या है। अखिलेश ने अपने बयान में कहा कि समाजवादी PDA साइकिल यात्रा का उद्देश्य देश को बांटने वाली ताकतों से बचाना है। यह यात्रा BJP सरकार के झूठे वादों और नारों की पोल खोल रही है। उन्होंने कहा कि पीडीए यात्रा परिवर्तन के लिए है। भाजपा सरकार के अन्याय और अत्याचार के खिलाफ है। बढ़ती महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ है। यात्रा सामाजिक न्याय और जातीय जनगणना के लिए है। सामाजिक आर्थिक विषमता के खिलाफ है। प्रत्येक स्तर पर अनुपातिक हिस्सेदारी के लिए है। अखिलेश ने आगे कहा कि यह यात्रा मो. आजम खान साहब पर लगे झूठे मुकदमों के विरोध में है। भाजपा सरकार में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ है।

अखिलेश के PDA में अल्पसंख्यक के साथ अगड़ा की भी एंट्री

हालांकि, साइकिल यात्रा में शामिल होने से पहले अखिलेश यादव ने PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के A में अगड़ा भी जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि पीडीए में ए का मतलब अल्पसंख्यक, अगड़े, आदिवासी और आधी आबादी है। अबतक समाजवादी पार्टी पीडीए का मतलब "पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक' बताती थी, लेकिन सोमवार को सपा मुखिया ने पीडीए का मतलब अल्पसंख्यक के साथ अगड़े, आदिवासी और आधी आबादी भी बता दिया है। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि जो विकास कराए वह अगड़ा है, जो काम न करे वह पिछड़ा है।

सपा के PDA का मतलब पाखंड, दमन और अहंकार- बीजेपी

उधर, समाजवादी पार्टी की PDA साइकिल यात्रा को विपक्षी दलों ने आड़े हाथों भी ले लिया है। योगी सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना ने अखिलेश की PDA साइकिल यात्रा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि "चाहे जितना जोर लगा लो, चाहे जितना शोर मचा लो, जीतेगी बीजेपी ही।" सुरेश खन्ना ने कहा कि 60 से 75 में बीजेपी है, बाकी 25 में यह सभी विपक्षी दल है। यह जितना शोर मचाएंगे, उतना हमारा वोट बढ़ेगा। इतना ही नहीं, यूपी सरकार में मंत्री सुरेश खन्ना ने अखिलेश यादव की PDA साइकिल यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की साइकिल 2017 विधानसभा चुनाव में ही पंक्चर हो गई थी, अब पंचर साइकिल को कितनी देर तक घसीटोगे। उन्होंने कहा कि जो साइकिल पंक्चर हो चुकी है, वो ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी। बीजेपी प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के पीडीए का मतलब पाखंड, दमन और अहंकार है।

अजय राय ने अखिलेश की PDA साइकिल यात्रा पर बोला हमला

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भी समाजवादी PDA यात्रा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है अजय राय ने कहा कि यात्राएं करनी चाहिए और लगातार करती रहनी चाहिए। जनता के बीच में जाइए और उन्हें जोड़िए, लेकिन शासन में रहते हुए अगर आप (समाजवादी पार्टी) पिछड़ी जाति और अति पिछड़ी जाति के लिए काम नहीं कर पाए तो आपके कार्यकाल में लोगों को कहीं न कहीं खोट नजर आएगा। आपको जो काम करने चाहिए थे, वो आप नहीं कर पाए। उसके लिए आप वो यात्राएं निकाल रहे हैं, साइकिल चला रहे हैं और लोगों के बीच जाकर उन्हें लुभाने का प्रयास कर रहे हैं।

सपा की PDA साइकिल यात्रा की हवा निकल जाएगी- ओपी राजभर

इन सबके बीच सुभासपा मुखिया ओपी राजभर ने अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा पर कटाक्ष करते हुए हमला बोल दिया है। ओपी राजभर ने कहा कि इनकी जो साइकिल यात्रा है उसकी हवा ही निकल जाएगी। वो जितनी भी योजना बना रहे हैं, वो सभी योजनाएं कागज पर हैं। धरातल पर उतारना उनके लिए कठिन हो जा रहा है। आज जो नारा दिए हैं, अब PDA खत्म कर दिए, A से अगड़ा शुरू कर दिए हैं। यही बात हम उन्हें समझा रहे थे। जब P से पिछड़ा, D से दलित और A से अल्पसंख्यक तो सामान्य वर्ग वहां क्या कर रहा है, उसे सपा का साथ छोड़कर वहां से हट जाना चाहिए। अब क्या समाजवादी पार्टी ने अल्पसंख्यक छोड़ दिया है।

अखिलेश को पता है अगड़े नाराज हुए तो सपा को नुकसान होगा- वरिष्ठ पत्रकार

वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिन्हा ने बताया कि देश और उत्तर प्रदेश अब धीरे-धीरे लोकसभा चुनाव की ओर बढ़ रहा है। यूपी एक बड़ा राज्य है। यहां 80 लोकसभा सीटें हैं। यही कारण है कि सभी सियासी दल अपनी-अपनी बिसात बिछाने में जुट गए हैं। यूपी में जातीय के हिसाब से भी गुणा-गणित चल रही है। सभी दल अपने अपने जातीय एजेंडे के तहत लोकसभा चुनाव में उतरने जा रहे हैं। अब चाहे बीजेपी हो, सपा हो या बसपा या फिर चाहे कोई अन्य दल ही क्यों न हो। बसपा ने पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा उठा रखा है। इसी तरह बीजेपी बसपा के वोट बैंक में सेंधमारी करने के चलते दलित सम्मेलन कर रही है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी MY से आगे निकलकर पीडीए का मुद्दा उठा रहे हैं, लेकिन अब अखिलेश यादव को कहीं न कहीं लगा है कि जो अगड़ी जातियां हैं, वो कहीं न कहीं माहौल बनाने का काम करती हैं। अखिलेश को समझ में आ गया है कि अगर PDA में केवल अल्पसंख्यक को ही साधेंगे तो अगड़े नाराज हो जाएंगे, जिससे सपा को नुकसान हो सकता है। इसी वजह से अखिलेश अब अगड़ों की भी बात करने लगे हैं। इसके साथ ही वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि यूपी में पूरी लड़ाई पिछड़ों और दलितों के वोट को लेकर ही है।


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