पंकज मिश्रा, हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में हेल्थ डिपार्टमेंट की अंधेरगर्दी का बड़ा मामला सामने आया है। सरकारी हास्पिटल में नसबंदी के बाद एक महिला के गर्भवती हो जाने से डिपार्टमेंट में हड़कंप मचा हुआ है। इस पूरे मामले को लेकर एडीएम ने जांच करने के निर्देश दिए है।सरकार के छोटा परिवार सुखी परिवार के नारे को यहां हमीरपुर जिले में सर्वाधिक महिलाएं ही साकार कर रही है। इसके लिए यहां जिले में पिछले तीन सालों में 95 फीसदी महिलाओं ने नसबंदी कराई है। जबकि पांच फीसदी नसबंदी कार्यक्रम से पुरुषों ने नाता जोड़ा है।हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक तीन सालों के अंदर साढ़े पांच हजार के करीब महिलाओं की नसबंदी परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत की गई है। इसके बावजूद कई केस नसबंदी के फेल होने पर डिपार्टमेंट को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। ताजा मामला हमीरपुर जिले के राठ तहसील के मझगवां थाना क्षेत्र के अटगांव का सामने आया है जहां की एक महिला नसबंदी आपरेशन के बाद गर्भवती हो गई है।अटगांव निवासी किरन पत्नी हरपाल ने एडीएम को शिकायती पत्र देकर हेल्थ डिपार्टमेंट की लापरवाही की पोल खोली है। उसने बताया कि 21 दिसम्बर 2017 को राठ सीएचसी में डॉ एमके वर्मा ने नसबंदी की थी। बताया कि नसबंदी ऑपरेशन के बाद गर्भ में बच्चा आ गया है, जिससे इसकी परवरिश को लेकर चिंताएं सताने लगी है। पीड़ित गर्भवती महिला ने पालन पोषण के लिए डिपार्टमेंट से मुआवजा मांगा है। एडीएम ने इस पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
जांच के बाद गर्भवती महिला को राहत देने की तैयारी
एडीएम रमेश चन्द्र ने बताया कि गांव की महिला इस मामले को लेकर शिकायत की है। उसने आरोप लगाया कि नसबंदी के बाद वह गर्भवती हो गई है। बताया कि इस मामले को लेकर राठ सीएचसी के अधीक्षक को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। सीएमओ डॉ रामअवतार ने बताया कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। जांच के बाद पीडि़त महिला को राहत पहुंचाने के लिए नियमानुसार कार्रवाई कराई जाएगी। सीएचसी राठ के अधीक्षक डाँ.अखिलेश कुमार ने बताया कि गर्भवती हुई महिला को राहत राशि दिलवाने का प्रयास किया जाएगा।from https://ift.tt/DL7pt2U
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