वसीम अहमद, बस्ती: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में करने का मामला प्रदेशभर में राजनीति का मुद्दा बन गया है। अखिलेश यादव तक ने एक्स (ट्वीट) पर पोस्ट करके योगी सरकार पर निशाना साधा। मामले में पांच दिन बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट ने वीडियो जारी कर सीएम से न्याय की गुहार लगाई। आरोपी मजिस्ट्रेट की गिरफ्तारी न होने पर पुलिस प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया। जिसके बाद शासन में हड़कंप मच गया और आनन फानन में सोमवार दोपहर बाद प्रमुख सचिव गृह की तरफ से डीएम बस्ती को कार्रवाई का पत्र पहुंच गया। शासन ने आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए कानपुर कमिश्नर कार्यालय से अटैच कर दिया। इसके अलावा गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने तेजी शुरू कर दी है।
गैर जमानती वारंट जारी
एसपी के निर्देश पर आरोपी नायब की गिरफ्तारी के लिए कुल 6 टीमें गठित कर दी गई हैं, जो अलग-अलग ठिकानों पर नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। कार्रवाई से पहले सीजेएम कोर्ट से नायब तहसीलदार के खिलाफ एनबीडब्ल्यू (गैर जमानती वारंट) भी जारी कर दिया गया है। कोर्ट के इस ऑर्डर पर पुलिस को काफी बल मिला है और अब उसने आरोपी मजिस्ट्रेट को पकड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।वीडियो वायरल होते ही बढ़ी सख्ती
डीएम बस्ती के नेतृत्व में गठित विशाखा टीम की जांच रिपोर्ट के बाद नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को थोड़ी राहत जरूर मिली थी, लेकिन अचानक महिला मजिस्ट्रेट का वीडियो वायरल होते ही सारा प्रकरण ही उलट गया और महिला मजिस्ट्रेट को दोषी ठहराने वाली टीम की रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए आरोपी नायब तहसीलदार को सस्पेंड करते हुए उनकी गिरफ्तारी के लिए फरमान जारी हो गया।from https://ift.tt/GzBNeY5
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