अहमदाबाद: चक्रवाती तूफान के कारण तेज हवाएं चलने और भारी बारिश से गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के इलाकों में भारी तबाही हुई। निचले इलाकों में हवाओं की गति 140 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई। शुक्रवार को भारी बारिश होती रही। निचले इलाकों में समुद्र का पानी घुस गया। गुजरात के मोरबी में तेज हवा से होटल का टीनशेड गिर गया। इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई। घटना के वक्त होटल में काफी लोग मौजूद थे। वहीं तूफान से बिजली के सैकड़ों खंभे क्षतिग्रस्त हो गए और 1,000 से अधिक गांवों की बिजली कट गई। कई घरों को नुकसान पहुंचा। कई जगहों पर विजिबिलिटी शून्य तक पहुंच गई। कई जगह बिजली गुल हो गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चक्रवात के कारण राज्य में किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। तट से टकराने के बाद बिपरजॉय कुछ कमजोर पड़ा और शुक्रवार शाम तक डिप्रेशन में बदल गया। बिपरजॉय के लैंडफॉल के बाद शुक्रवार दोपहर से इसका असर राजधानी दिल्ली में भी दिखाई दिया। साइक्लोन बिपरजॉय से जुड़ी अपडेटेड जानकारी देखिए।तूफान की तीव्रता कम हुईमौसम विभाग के मुताबिक, सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में तबाही मचाने वाले चक्रवाती तूफान ‘बिपारजोय’ की तीव्रता गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचने के कुछ घंटों बाद कम होकर ‘बेहद गंभीर’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गई है। मौसम विभाग ने गुजरात में आज भी भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। हालांकि शनिवार से हालात में सुधार की उम्मीद जताई है। दक्षिण राजस्थान में आज और कल भारी बारिश हो सकती है।दक्षिणी राजस्थान में चक्रवात का असर देखने को मिलेगामौसम विभाग ने ट्वीट किया कि गुजरात के तटीय इलाकों में पहुंचने के कुछ घंटों बाद चक्रवात की तीव्रता ‘बेहद गंभीर’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गई। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं। आर्मी, नेवी, एयर फोर्स, कोस्ट गार्ड और बीएसएफ की टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। अब दक्षिणी राजस्थान में इसका असर देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार से गुजरात में बारिश कम होनी शुरू हो जाएगी।आम जीवन पर असर तूफान के बाद लगातार बारिश के बीच, प्रशासन के लिए बिजली व्यवस्था दुरुस्त करना एक चैलेंज बन गया है। वहीं घरों में पानी भर जाने से राहत शिविरों में रह रहे लोगों के लिए जल्दी लौट पाना मुश्किल हो गया है। आवाजाही पर भी असर हुआ है। पश्चिम रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐहतियात के तौर पर 76 ट्रेन को रद्द किया गया है जबकि 36 को बीच रास्ते में रोक दिया गया और 31 ट्रेन को चुनिंदा स्टेशन के लिए चलाया गया है उधर बिपरजॉय की वजह से 11 जून से ही मॉनसून के आगे बढ़ने की रफ्तार रुक गई है। अब 18 से 21 जून के बीच दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के आसार है। दिल्ली में भी दिखा असरबिपरजॉय के लैंडफॉल के बाद शुक्रवार दोपहर से इसका असर राजधानी दिल्ली में भी दिखाई दिया। दोपहर में घने काले बादल छा गए। देखते ही देखते बारिश शुरू हो गई। इससे पहले मई 2021 में गुजरात में तौकते तूफान के बाद दिल्ली में महज 24 घंटे के दौरान 100 एमएम बारिश हो गई थी। इस बार उस तरह की बारिश से इनकार किया जा रहा है। हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार 18 और 19 जून को दिल्ली का मौसम सबसे अधिक सुहावना रहेगा। अधिकतम तापमान महज 34 और 35 डिग्री तक गिर सकता है।जंगली जानवरों की फिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गिर के जंगलों में बसने वाले जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित दिखे। उन्होंने कल रात गिर के जंगल में शेरों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में गुजरात के सीएम को फोन करके जानकारी ली।
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