जयपुर: आरएएस भर्ती की मुख्य परीक्षा की तिथि आगे बढाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। प्री परीक्षा क्वालीफाई कर चुके सैकड़ों अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। पिछले तीन दिन से सौ से ज्यादा अभ्यर्थी राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना दे रहे हैं। उनकी मांग है कि 28 और 29 जनवरी को प्रस्तावित आरएएस की मुख्य परीक्षा की तिथि आगे बढाई जाए। कम से कम तीन महीने आगे बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरना देने के बाद भी सरकार की ओर से इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाने से कई अभ्यर्थियों ने अनशन शुरू कर दिया। गुरुवार को अनशन कर रहे तीन अभ्यर्थियों की तबियत बिगड़ गई जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कई विधायक कर चुके अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन
प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद अभ्यर्थियों ने चुने गए विधायकों से समर्थन जुटाना शुरू किया। कई विधायकों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर आरएएस भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों की मांग को जायज ठहराया और मुख्य परीक्षा की तिथि आगे बढाने की मांग की। सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखे। सरकार की ओर से अभी तक इस परीक्षा को आगे बढाने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया। ऐसे में अभ्यर्थियों ने धरना और अनशन शुरू कर दिया।डॉ. किरोड़ी लाल मीणा मिल चुके मुख्यमंत्री से
भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी पिछले दिनों मुख्यमंत्री से मिले थे। डॉ. मीणा ने अभ्यर्थियों की मांग को जायज ठहराते हुए आरएएस मुख्य परीक्षा की तिथि को आगे बढाने की मांग दोहराई थी। इससे पहले डॉ. मीणा सीएम को पत्र भी लिख चुके। मुलाकात के दौरान सीएम भजनलाल शर्मा ने आश्वासन दिया था कि अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। सीएम ने आश्वासन तो दे दिया लेकिन कोई फैसला नहीं लिया। परीक्षा की नजदीक आ रही है। ऐसे में अभ्यर्थियों ने आंदोलन तेज कर दिया।जानिए मुख्य परीक्षा की तिथि आगे बढाने की मांग क्यों कर रहे अभ्यर्थी
पहला कारण - प्रिंटिंग प्रेस पर शक - अभ्यर्थियों का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुई कुछ परीक्षाओं में पेपर बनाने वाले विशेषज्ञों और प्रश्न पत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस की मिलीभगत सामने आई थी। अब सरकार बदलने के बावजूद भी उसी प्रिंटिंग प्रेस से पेपर छपवाए जा रहे हैं। पेपर बनाने वाले विशेषज्ञ भी वही है। ऐसे में आरएएस मुख्य परीक्षा में भी धांधली की संभावना है। इसे देखते हुए सरकार इस पर एक्शन ले और नए विशेषज्ञों की कमेटी से पेपर सेट कराने के साथ अन्य विश्वसनीय प्रिंटिंग प्रेस से पेपर छपवाए जाएं।दूसरा कारण - चुनाव ड्यूटी में तैयारी का समय नहीं मिला - आरएएस मुख्य परीक्षा में सैकड़ों की संख्या में सरकारी कर्मचारी भी बैठने वाले हैं। पिछले दिनों प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान सरकारी कर्मचारी लम्बे समय तक चुनाव ड्यूटी में व्यस्त थे। अक्टूबर माह में ही चुनाव की आदर्श आचार संहिता लग गई थी। ऐसे में आरएएस मुख्य परीक्षा की तैयारी करने वाले सरकारी कर्मचारियों को तैयारी का पर्याप्त वक्त नहीं मिल सका। प्रारम्भिक परीक्षा का परिणाम घोषित होने के सिर्फ 3 महीने बाद ही मुख्य परीक्षा ली जा रही है। यह अब तक का सबसे कम समय है। इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मुख्य परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।तीसरा कारण - प्रारम्भिक परीक्षा की आंसर की को हाईकोर्ट में चुनौती - पिछले दिनों जारी हुई आरएएस प्रारम्भिक परीक्षा की उत्तर कुंजी में कई त्रुटियां हैं जिसे लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिकाएं लगाई गई है। न्यायालय में चल रहे वाद के चलते अभ्यर्थियों में उपापोह की स्थिति बनी हुई है। उत्तर कुंजी की त्रुटियों के बारे में फैसला आने के बाद ही मुख्य परीक्षा की तिथि घोषित हो ताकि बार बार परीक्षा परिणाम में संशोधन नहीं करना पड़े।from https://ift.tt/rnzClpR
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