फरीदाबाद: औद्योगिक नगरी में एक लाख लोगों के नाम प्रॉपर्टी आईडी से गायब हैं। यह चौंकाने वाला आंकड़ा नगर निगम की इंटरनल जांच में सामने आया है। प्रॉपर्टी रिकॉर्ड की इस खामी का असर यह कि बिना मालिक के नाम के प्रॉपर्टी आईडी का बिल तो जनरेट होता है लेकिन रिकवरी नहीं हो पा रही। ऐसे में नगर निगम की प्रॉपर्टी टैक्स पेंडेंसी बढ़ती जा रही है। हालात यह हैं कि नगर निगम में खुद चलकर लोग अपनी प्रॉपर्टी आईडी दुरुस्त करवाते हैं तो उनके चक्कर कटवाए जा रहे हैं। एक हजार से अधिक फाइलों की पेंडेंसी नगर निगम में है। इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निगम ने अब विशेष सर्वे करने की तैयारी की है। जिन प्रॉपर्टी के मालिक का ही कोई अता-पता नहीं है।
अब सर्वे करके लगाया जा रहा पता
ऐसे लोगों की खैर खबर के लिए उनके पड़ोसियों से संपर्क साधकर मोबाइल नंबर लेकर प्रॉपर्टी संबंधित पूछताछ की जा रही है। निगम अधिकारियों का कहना है कि ऐसे प्रॉपर्टी धारकों के प्रतिष्ठान पर नोटिस चस्पा किए जाएंगे, यदि तय समय अवधि में उन्होंने निगम में रिपोर्ट नहीं किया तो उनके नाम प्रॉपर्टी टैक्स की लिस्ट से हटा दिया जाएगा। जिसके बाद जब भी मालिक भारी जुर्माना भरने के बाद ही नई आईडी बनाई जाएगी।सीएम के निर्देश 500 से अधिक नहीं हो पेडेंसी, अभी है एक हजार
प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर बढ़ती हुई समस्याओं को देखते हुए सीएम मनोहर लाल खट्टर ने नगर निगम आयुक्तों की बैठक कर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की थी। इसमें पेडेंसी को खत्म करने के निर्देश दिए गए थे। बैठक में सीएम ने हिदायत दी कि नगर निगम क्षेत्र में 500 से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स से संबंधित पेंडिंग नहीं होनी चाहिए जबकि हकीकत में मौजूदा समय में एक हजार से अधिक फाइलें पेंडिंग है। यह सब प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर पिछले हुए सर्वे के बाद प्रॉपर्टी टैक्स रिकॉर्ड में काफी खामियां सामने आ रही हैं। इन खामियों को ठीक करवाने के लिए प्रॉपर्टी मालिक बड़ी संख्या में ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं। मगर इन आवेदनों का समय पर निपटान न होने से लंबित आपत्तियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे लोगों को काफी परेशानी आ रही है।निगम ने शुरू किया लोगों को असेसमेंट नोटिस भेजना
नगर निगम की प्राशसिक व्यवस्था भी बदली, वार्ड वाइज ड्यूटी तय प्रॉपटी टैक्स से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए नगर निगम की ओर से अपनी प्रशासनिक व्यवस्था भी बदली गई है। निगम में तीन चैकर एवं 16 क्लर्क की ड्यूटी लगाई गई है। नई व्यवस्था में उन हजारों लोगों को राहत दी जा रही है जिनके नाम अभी तक प्रॉपर्टी आईडी में शामिल ही नहीं है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें ठीक किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने अपने चेकर एवं मेकर को खास निर्देश जारी किए हैं। वे ऐसी आईडी को तलाशेंगे। आवश्यकता पड़ने पर नई प्रॉपर्टी आईडी भी बनाई जाएगी। यही नहीं नई कैटेगिरी अनुसार धारक के मोबाइल नंबर व मालिक का नाम भी इसमें अपडेट किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक पखवाड़े का समय भी निर्धारित किया गया है।from https://ift.tt/56ylts1
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