अयोध्या: दबदबा तो है...दबदबा कायम है...दबदबा तो रहेगा...। इन्हीं स्लोगन के साथ सांसद ने धर्मनगरी अयोध्या में अपने समर्थित प्रत्याशी को भारतीय कुश्ती महासंघ जीत दिलाने के बाद पहली बार पहुंचे। सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सबसे पहले अयोध्या पहुंचकर में बजरंगबली के दर्शन के उसके बाद अयोध्या के साधु संतों से मिलकर आशीर्वाद लिया। अयोध्या से निकलकर सांसद गोंडा नंदनी नगर के खेल स्टेडियम में पहुंचे। यहां पर सांसद के समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। नंदिनी नगर में चल रहे सांसद खेल प्रतियोगिता में खिलाड़ियों का हौसला अफजाई की। मीडिया से बात करते हुए सांसद बृजभूषण शरण ने अपने ही अंदाज में , साक्षी मलिक को जवाब दिया। WFI चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद सांसद और उनके समर्थकों में काफी जोश दिखा। सांसद ने कहा जो छूट गया, जो गया। किसी को चिढ़ाने की बात नहीं है, विवाद के कारण यह चुनाव चर्चा में आ गया। नई फेडरेशन बन गई है। अब कुश्ती का रुका हुआ काम था, उसे आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ियों का साल ना बर्बाद हो और 31 दिसम्बर से पहले नेशनल कुश्ती चैम्पियनशिप हो जाए इसके लिए सर्वसम्मति से 28 दिसम्बर की तारीख रखी गयी है। बजरंग पुनिया द्वारा पद्मश्री अवार्ड को जमीन पर रखने के मामले पर सांसद बृजभूषण ने कहा ये उनका निजी मामला है, मैं इस कुछ भी नहीं बोलना चाहता। पहलवानों से वाड्रा की हुई मुलाकात पर सांसद ने कहा कि यह उनका निजी फैसला है, अब वो राजनीति करना चाहते हैं या फिर खेलना चाहते हैं। यह उनका निजी फैसला है, इस पर मैं कुछ नही बोलना चाहता हूँ। प्रियंका द्वारा खिलाड़ियों का समर्थन करने के प्रश्न सांसद ने कहा कि इस आंदोलन की शुरुआत जब हुई तबसे इसके जड़ में ही कांग्रेस थी, मैंने पहले दिन ही कहा था कि इसमें कांग्रेस थी, टुकड़े टुकड़े गैंग थी। खालिस्तानियों का इनको सपोर्ट था। कुछ किसान नेताओं का भी इनको समर्थन था, शुरू शुरू में चूंकि महिलाओं की बात थी इसलिए कुछ अन्य लोगों को भी लगा था कि शायद इनके साथ कुछ हुआ होगा और अब तो यह साफ हो गया कि यह आंदोलन खिलाड़ियों का नहीं था।
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