बेंगलुर: भारत की फाइनल में हार के बाद भावशून्य हो चुके विराट कोहली उपविजेता का पदक लेने के लिए जाने से पहले उन्हीं की तरह भावशून्य दिख रहे शुभमन गिल से हाथ मिलाते हैं और उन्हें गले लगाते हैं। यह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए रविवार की अश्रुपूरित रात का सबसे मार्मिक क्षण था। भारत के तीसरा विश्व कप नहीं जीत पाने के बाद यह भारतीय क्रिकेट का जिम्मा अगली पीढ़ी को सौंपने का भी स्पष्ट संकेत था। कोहली, रोहित शर्मा और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ी अभी कुछ समय तक बने रहेंगे, लेकिन भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने की जिम्मेदारी अब युवा पीढ़ी के कंधों पर होगी।इन खिलाड़ियों में गिल (24 वर्ष), श्रेयस अय्यर (28), ईशान किशन (25), रुतुराज गायकवाड़ (26), यशस्वी जयसवाल (21) और चोट से उबर रहे ऋषभ पंत (26) शामिल हैं जिनकी पहली परीक्षा अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप में होगी। इन खिलाड़ियों को शीर्ष स्तर पर खेलने का पर्याप्त अनुभव है और कई अवसरों पर वे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन कोहली और रोहित जैसे खिलाड़ियों की विरासत को आगे बढ़ाना आसान काम नहीं होगा।पिछले डेढ़ दशक में इन खिलाड़ियों ने विश्व क्रिकेट में अपनी विशेष जगह बनाई है और अपने कौशल, स्थायित्व और मानसिक दृढ़ता का शानदार परिचय दिया है। उन्होंने कप्तानी के अतिरिक्त बोझ को भी अच्छी तरह से झेला है। ऐसे में भारत के लिए भविष्य का कप्तान कौन होगा। पूर्व भारतीय बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा का मानना है कि श्रेयस अय्यर इस भूमिका के लिए सबसे फिट खिलाड़ी हैं।उथप्पा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘श्रेयस अय्यर ने अपने समर्पण और आत्मविश्वास का शानदार नमूना पेश किया है। उन्होंने विशेष कर नंबर चार पर अपनी विशेष छाप छोड़ी है। अगर वह अपने अच्छे प्रदर्शन को जारी रखते हैं तो उन्हें विशेष कर सीमित ओवरों की टीम की कप्तानी सौंपने पर किसी को हैरानी नहीं होगी।’
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