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Thursday, November 9, 2023

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अपना ही आदेश पलटा, नैनीताल समेत 4 जिलों में खनन पर लगा दी थी रोक

रश्मि खत्री, नैनीताल: ने अपने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए खनन पट्टों पर लगी रोक सशर्त हटा दी है। राज्य सरकार ने नैनीताल, देहरादून, अल्मोड़ा और उधम सिंह नगर में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के बिना ही खनन के पट्टे आवंटित कर दिए थे। जिसके खिलाफ दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई।

होई कोर्ट ने रोक लगा दी थी

हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत खनन पट्टे देने के बाद वैध पट्टाधारकों को दो साल के भीतर केंद्रीय पर्यावरण बोर्ड से अनुमति लेनी आवश्यक है। यदि बोर्ड से अनुमति नहीं ली जाती है तो उनके पट्टों का लाइसेंस स्वतः ही निरस्त माना जाएगा। हाई कोर्ट ने पूर्व में ही इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। नैनीताल बेतालघाट निवासी तरुण शर्मा ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि बेतालघाट में कोसी नदी के किनारे करीब 19 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर करीब एक दर्जन खनन पट्टों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई है।

पर्यावरण बोर्ड की अनुमति नहीं ली गई थी

राज्य सरकार ने नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून और उधम सिंह नगर जिले में खनन टेंडर निकालने से पहले राज्य पर्यावरण बोर्ड की अनुमति नहीं ली गई थी। नीलामी का टेंडर 19 अक्टूबर को खुलना था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि निविदा प्रक्रिया बिना इन्वायरमेंट एसेस्मेंट इंपैक्ट रिपोर्ट के पूरी की जा रही है, जो नियम विरुद्ध है। हाई कोर्ट ने मामले में 27 दिसंबर की तिथि तय की थी। इस आदेश को संशोधित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से संशोधन प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया गया था। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

19 अक्टूबर को खोली जानी थी निविदा

मामले में सुनवाई के बाद नैनीताल हाई कोर्ट के सशर्त रोक हटने के बाद भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई ने 47 लॉट की तकनीकी निविदा खोलने के आदेश जारी कर दिए। इकाई के निदेशक एसएल पैट्रिक द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, इकाई ने देहरादून जिले के 17, हरिद्वार के नौ, उधम सिंह नगर जिले के आठ और चंपावत के एक लॉट के लिए ई-निविदा आमंत्रित की थी। इसकी तकनीकी निविदा 19 अक्टूबर को खोली जानी थी, लेकिन इससे पहले ही हाई कोर्ट में निविदा प्रक्रिया के खिलाफ याचिका दायर हो गई।

सरकार को राजस्व मिलेगा

सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा था। जिस पर कोर्ट ने सरकार को सशर्त राहत दे दी। पैट्रिक के मुताबिक, निर्धारित तिथि और समय पर तकनीकी निविदा खोली जाएगी। इसके अनुसार खनन लॉट के आवंटन की कार्रवाई शुरू होने से राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी।


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