नई दिल्ली : मुंबई पर हुए 26/11 आतंकी हमले की 15वीं बरसी पर उस भयावह आतंकी हमले को याद करते हुए भाजपा ने तत्कालीन यूपीए सरकार, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस ने आतंकवाद को सतत पालने का काम किया है। जबकि, ने आतंकवाद की जड़ पर प्रहार किया है। इसी का परिणाम है कि आज आतंकी संगठन कश्मीर के अलावा भारत के अन्य शहरों में आतंकी वारदातें करने में डरे हुए हैं। मुंबई से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल ने 26/11 के भयावह आतंकी हमले को याद करते हुए आईएएनएस से कहा कि 26/11 को हुए आतंकी हमले से पहले संसद में तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने स्वयं कहा था कि इस तरह की खुफिया जानकारी भारत सरकार के पास थी कि सागर तट से भारत के किसी बड़े महानगर में आतंकी हमला हो सकता है। लेकिन, इसके बावजूद सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त नहीं किया गया और 26/11 के हमले में सैकड़ो निर्दोष भारतीय और वैश्विक नागरिकों का नरसंहार हुआ। भाजपा प्रवक्ता ने मुंबई पर हुए उस आतंकी हमले का कठोर जवाब पकिस्तान को नहीं देने का आरोप लगाते हुए यह भी दावा किया कि उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एयरफोर्स के तत्कालीन चीफ ने पूछा भी था कि कराची के जिस कमांड सेंटर से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को कमांड दिया जा रहा था, भारतीय वायु सेना पाकिस्तान के कराची स्थित उस कमांड सेंटर पर हमला कर सकती है। लेकिन, उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं दी। 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद हालात बदलने का दावा करते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद दो बड़ी आतंकवादी घटनाएं हुई - उरी और पुलवामा। इसके बाद जिस तरह से आतंकवाद के समूल नाश के लिए कार्रवाई की गई, उससे आतंकियों के हौसले पस्त हुए। मोदी सरकार ने सिर्फ पाकिस्तान में घुसकर ही आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, बल्कि म्यांमार में भी घुसकर पूर्वोत्तर भारत में आतंकवाद फैला रहे आतंकी संगठनों की कमर तोड़ने का काम किया। जिसका परिणाम यह हुआ कि आतंकवादी आज भारत पर हमला करने से डरते हैं। उन्होंने आगे कहा कि बहुत सारे आतंकवादियों की जिस तरह से अज्ञात लोग पाकिस्तान और कनाडा में हत्या कर रहे हैं और पाकिस्तान की सरकार एवं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उन हत्याओं का आरोप भारत की खुफिया एजेंसी पर लगा रही है, उससे भी यह साफ दिख रहा है कि आतंकवादी चाहे पाकिस्तान में बैठा हो या कनाडा में बैठा हो, उसको भारत की एजेंसियो से डर लगने लगा है। जिसके कारण कश्मीर के अलावा अन्य किसी स्थान पर आतंकी कार्रवाई करने से आतंकी घबराते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को सतत पालने का काम ही यूपीए और उसकी पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकारों ने किया था। चाहे 1980 का दशक रहा हो, चाहे 1990 का दशक रहा हो या 2000 का दशक रहा हो, कांग्रेस ने लगातार आतंकवाद को पोषित करने का ही काम किया। जबकि, मोदी सरकार ने आतंकवाद की जड़ पर प्रहार किया है। लेकिन, 15 साल बीत जाने के बावजूद 26/11 आतंकी हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों को अभी तक सजा क्यों नहीं मिल पाई? इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेम शुक्ल ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार ही इन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई होगी क्योंकि अन्य देशों में जो इन आतंकवादियों को प्रश्रय प्राप्त है, उन देशों की कानून के अनुसार ही काम होगा। लेकिन, आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम जारी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा, जी-20, ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन सहित तमाम वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के विरुद्ध विमर्श तैयार करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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