नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर दिए गए बयान की शनिवार को कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ओबामा का बयान आश्चर्यजनक है क्योंकि जब वह शासन में थे तब छह मुस्लिम बहुल देशों को अमेरिकी 'बमबारी' का सामना करना पड़ा था। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 13 देशों ने अपने शीर्ष सम्मान से सम्मानित किया है जिनमें से छह मुस्लिम बहुल देश हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों की ओर से अल्पसंख्यकों के प्रति व्यवहार को लेकर 'आधारहीन' आरोप लगाने के लिए 'संगठित अभियान' चलाया जा रहा है क्योंकि वे मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनावी मैदान में नहीं हरा सकते। उल्लेखनीय है कि सीएनएन को बृहस्पतिवार को दिए साक्षात्कार में ओबामा ने कथित तौर पर कहा था कि अगर भारत 'जातीय अल्पसंख्यकों' के अधिकारों की रक्षा नहीं करता तो इस बात की प्रबल आशंका है कि एक समय आएगा जब देश बिखरने लगेगा। भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने कहा, '' मुझे आश्चर्य हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी ...सभी के सामने भारत के बारे में बात कर रहे थे, तब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय मुस्लिमों को लेकर बयान दे रहे थे।'' उन्होंने सवाल किया, ''क्या उनके कार्यकाल(राष्ट्रपति रहते) में छह देशों, सीरिया, यमन, सऊदी, इराक और अन्य मुस्लिम देशों में बमबारी नहीं हुई?'' अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) के आरोपों पर भी आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका के साथ बेहतर संबंध चाहता है लेकिन वह ऐसे बयानों को सुनकर 'स्तब्ध' है। उन्होंने कहा, ''हम अमेरिका के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन वहां से यूएससीआईआरएफ की भारत में धार्मिक सहिष्णुता को लेकर टिप्पणी आई और पूर्व राष्ट्रपति कुछ और कह रहे हैं।'' मंत्री ने कहा कि यह देखना अहम है कि इसके पीछे कौन लोग हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस देश का माहौल बिगाड़ने के लिए 'जानबूझकर गैर मुद्दें' उठा रही है और 'बिना तथ्य' आरोप लगा रही है क्योंकि विपक्षी पार्टी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा को चुनावी मैदान में शिकस्त देने में अक्षम है। अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव के आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल पर सीतारमण ने कहा, '' कांग्रेस पार्टी ऐसे अभियान चला रही है जो पिछले और पहले के चुनावों में भी तब दिखा था जब वे भारत में सरकार बदलने के लिए पाकिस्तान से मदद मांगने गए थे।''
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