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Monday, June 26, 2023

मसर क सरवचच सममन मसजद क दर... पएम मद क ऐतहसक यतर पर जन कय रह खस

काहिरा: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के बीच राजनीतिक एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने पर हुई व्यापक बातचीत के बाद रविवार को भारत और मिस्र ने अपने संबंधों को नयी गति प्रदान करते हुए इन्हें 'रणनीतिक साझेदारी' तक बढ़ा दिया। मिस्र के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर देश की राजकीय यात्रा करने वाले मोदी ने अल-सीसी के साथ आमने-सामने की बातचीत की और इस दौरान उन्होंने क्षेत्र तथा विश्व में हो रहे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की समीक्षा की। यह 26 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। मोदी और अल-सीसी ने राजनीतिक एवं सुरक्षा सहयोग, रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश संबंधों, वैज्ञानिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान तथा दोनों देशों की जनता के स्तर पर संपर्क को मजबूत करने के लिए व्यापक बातचीत के बाद रणनीतिक साझेदारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "रणनीतिक साझेदारी पर समझौते के अलावा, दोनों देशों ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों, स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा एवं संरक्षण तथा प्रतिस्पर्धा कानून पर तीन अन्य समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए।"

पीएम मोदी को सर्वोच्च राजकीय सम्मान

अल-सीसी ने मोदी को मिस्र के सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' से भी सम्मानित किया, जो विभिन्न देशों की ओर से प्रधानमंत्री को प्रदान किया गया 13वां सर्वोच्च राजकीय सम्मान है। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "मैं बड़ी विनम्रता के साथ 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' स्वीकार करता हूं। मैं इस सम्मान के लिए मिस्र की सरकार और लोगों को धन्यवाद देता हूं। यह भारत और हमारे देश के लोगों के प्रति उनके सद्भाव एवं स्नेह को दर्शाता है।'' मोदी और अल-सीसी ने जी-20 में आगे के सहयोग पर भी चर्चा की, जिसमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक दक्षिण के लिए एक ठोस आवाज उठाने की आवश्यकता के मुद्दों पर प्रकाश डाला गया।

जी-20 में आने का दिया निमंत्रण

प्रधानमंत्री ने अल-सीसी को सितंबर में नयी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया। रविवार शाम स्वदेश रवाना हुए मोदी ने ट्विटर पर कहा, 'मिस्र की मेरी यात्रा ऐतिहासिक रही। इससे भारत-मिस्र संबंधों में नयी ऊर्जा आएगी और हमारे देशों के लोगों को फायदा होगा। मैं राष्ट्रपति अल-सीसी, सरकार और मिस्र के लोगों को उनके स्नेह के लिए धन्यवाद देता हूं।' मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता अहमद फहमी ने कहा कि दोनों नेताओं ने शिखर स्तर पर बातचीत की, जिसके दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच विशिष्ट संयुक्त ऐतिहासिक संबंधों और इन्हें विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक क्षितिज तक पहुंचाने की आपसी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, विशेष रूप से दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की पारस्परिक यात्राओं में तेजी लाकर। मोदी की मिस्र यात्रा इस साल जनवरी में राष्ट्रपति अल-सीसी की नयी दिल्ली की राजकीय यात्रा के बाद हुई। यह मिस्र और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के साथ भी मेल खाता है। फहमी ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं के बीच बैठक में काहिरा और नयी दिल्ली के बीच सीधी उड़ानों के माध्यम से पर्यटन और संस्कृति के अलावा कई क्षेत्रों, मुख्य रूप से संचार और सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि उद्योग, टीके, उच्च शिक्षा, हरित हाइड्रोजन सहित नवीकरणीय ऊर्जा में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुई। यह दोनों देशों के बीच व्यापार और रणनीतिक वस्तुओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के साथ-साथ आने वाले समय में मिस्र में भारतीय निवेश को विकसित करने के अतिरिक्त है। प्रवक्ता के अनुसार, साझा हित के कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। राष्ट्रपति अल-सीसी ने जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की सक्रिय अध्यक्षता में मिस्र का विश्वास व्यक्त किया, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के नकारात्मक असर को रोकने में योगदान देता है।

मस्जिद भी गए पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने रचनात्मक दिशा में बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए भारत के साथ सहयोग करने को लेकर मिस्र की पूर्ण तत्परता पर जोर दिया, जिससे कि ऊर्जा संकट, जलवायु परिवर्तन, भोजन की कमी के समाधान और विकासशील देशों के लिए वित्तपोषण तक पहुंच के इष्टतम तरीकों का लाभ मिल सके। इससे पहले, मोदी ने 11वीं सदी की ऐतिहासिक अल-हाकिम मस्जिद का भी दौरा किया, जिसका दाऊदी बोहरा समुदाय की मदद से जीर्णोद्धार किया गया था। दाऊदी बोहरा समुदाय का भारत, विशेष रूप से प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात के साथ मजबूत संबंध है। प्रधानमंत्री ने हेलियोपोलिस राष्ट्रमंडल युद्ध कब्रिस्तान का भी दौरा किया, जहां उन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान मिस्र में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

पिरामिड देखने गए प्रधानमंत्री

मोदी ने ट्विटर पर कहा, 'भारत के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि, जिनके साहस को कभी भुलाया नहीं जा सकता। हेलियोपोलिस युद्ध स्मारक पर, मैंने मिस्र में प्रथम विश्वयुद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले हमारे वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।' प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मिस्र के समकक्ष मुस्तफा मैडबौली के साथ काहिरा के बाहरी क्षेत्र में गीज़ा के पिरामिडों को भी देखा। मोदी ने कहा, 'मैं पिरामिड देखने के वास्ते मेरे साथ आने के लिए प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली को धन्यवाद देता हूं। हमने अपने राष्ट्रों के सांस्कृतिक इतिहास और आने वाले समय में इन संबंधों को कैसे गहरा किया जाए, इस पर गहन चर्चा की।' प्रधानमंत्री शनिवार दोपहर यहां पहुंचे और हवाई अड्डे पर उनका औपचारिक स्वागत किया गया, जहां उन्होंने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ का निरीक्षण भी किया।


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