नई दिल्ली: मिशन 2024 की तैयारी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) किसी भी हाल में पकड़ ढीली नहीं रखना चाहती है। कई तरह के राजनीतिक समीकरण बनने लगे हैं। एनडीए को मजबूत और बड़ा बनाने के लिए बीजेपी की कोशिश ज्यादा से ज्यादा दलों को इसमें लाने की होगी। इसके तहत उन दलों को टारगेट किया जाएगा जिनकी अलग-अलग कारणों से कांग्रेस से नहीं बनती है। इनमें वे दल भी हो सकते हैं जो पहले एनडीए में शामिल थे। लेकिन, समय गुजरने के साथ उससे छिटक गए। पिछले कुछ समय से इसके लिए पिच बनने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए को विस्तार देने के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। अमित शाह और जेडी नड्डा जैसे दिग्गजों का दूसरे दलों के नेताओं के साथ बातचीत का दौर भी इस ओर कुछ-कुछ इशारा करता है। बीजेपी से बिछड़े कई दल दोबारा एनडीए में शामिल होने में काफी पॉजिटिव हैं। इनके जरिये बीजेपी अपनी ताकत बढ़ा सकती है। अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले कई तरह के सियासी गठजोड़ बनने लगे हैं। विपक्ष की पूरी कोशिश होगी कि वह तीसरी बार बीजेपी को सत्ता में आने से रोके। इसके उलट बीजेपी पूरी ताकत लगाएगी कि वह तिबारा कुर्सी पर काबिज हो। इसके लिए बीजेपी एक नहीं कई मोर्चों पर काम रही है। इस स्ट्रैटेजी में सबसे अहम है एनडीए से बिदके दलों को दोबारा अपने खेमे में लाना। शिरोमणि अकाली दल (SAD), तेलुगु देशम पार्टी (TDP), ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा ऐसी कुछ पार्टियां हैं जिनकी दोबारा एनडीए से जुड़ने में दिलचस्पी दिख रही है। स्ट्रैटेजी का दूसरा पार्ट नए दलों को एनडीए में शामिल करना होगा। मसलन, जनता दल (जेडीएस) सरीखे दलों को जोड़कर खेमे को मजबूत किया जाएगा। उनका रवैया भी बीजेपी के लिए नरम दिख रहा है। टीडीपी के साथ बन जाएगी बात! इस बात को हाल की मेल-मुलाकातों से समझने की कोशिश करते हैं। गुजरे शनिवार यानी 3 जून को तेलुगु देशम पार्टी के मुखिया एन चंद्रबाबू नायडू की गृहमंत्री अमित शाह से राजधानी में मुलाकात हुई थी। इसके बाद बीजेपी और टीडीपी में गठबंधन की अटकलें तेज हो गईं। माना जा रहा है कि 2024 से पहले दोनों के बीच गठबंधन पर मुहर लग सकती है। 2018 में टीडीपी ने एनडीए से रास्ते अलग कर लिए थे। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे के मुद्दे पर टीपीडी-बीजेपी गठबंधन टूटा था। अकाली दल ने दिए सकारात्मक संकेत बीजेपी का पुराना सहयोगी अकाली दल भी एनडीए में शामिल होने को इच्छुक है। अकाली दल के नेता महेशिंदर सिंह ग्रेवाल ने कह दिया है कि पार्टी कांग्रेस के साथ नहीं जाएगी। ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर अकाली नेता ने यह ऐलान किया। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीजेपी अपने सहयोगी दलों को उचित सम्मान देती है तो कुछ भी संभव है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन के बाद से ही बीजेपी से पार्टी की नजदीकी बढ़ने लगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत कई बीजेपी के दिग्गज बादल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। पीएम ने प्रकाश सिंह बादल को पिता तुल्य बताया था। वह बोले थे कि उन्होंने एक पिता तुल्य व्यक्ति को खो दिया है। दशकों बादल ने उनका मार्गदर्शन किया। एचडी देवेगौड़ा की जेडीएस का रुख भी बीजेपी के लिए पॉजिटिव दिख रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने ओडिशा ट्रेन हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का सपोर्ट किया। वह बोले कि रेल मंत्री ने नुकसान की भरपाई के लिए जरूरी कदम उठाए। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है कि हादसे के बाद तमाम विपक्षी दलों ने वैष्णव के इस्तीफे की मांग की थी। जेडीएस कर्नाटक विधानसभा चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
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