मुंबईगोरेगांव के आरे कॉलोनी पुलिस स्टेशन ने 21 साल के अथर्व शिंदे की मौत में हत्या का सेक्शन 302 लगाया है, पर मुंबई क्राइम ब्रांच की अब तक की छानबीन में यह मौत हत्या नहीं लग रही है। कांदिवली क्राइम ब्रांच ने पिछले तीन सप्ताह में काफी लोगों के बयान लिए हैं। इसके अलावा दर्जनों सीसीटीवी फुटेज भी देखे गए हैं। एक ऑटो चालक की गवाही ने भी इस केस में उलझी कई बातों से पर्दा उठा दिया है।
क्राइम ब्रांच सूत्रों ने शुक्रवार को एनबीटी से कहा कि अथर्व अपनी एक फ्रेंड की बर्थ डे पार्टी में 7 मई को रात करीब सवा 9 बजे गया था। यह पार्टी विला नंबर 2012 में हुई थी। क्राइम ब्रांच ने 8 मई की सुबह 7.19 से 7.32 तक की काफी गुत्थी सुलझा ली है। 9 मई को सुबह 8.55 तक की भी काफी तस्वीर साफ हो गई है। जांच में 7 मई की रात से 8 मई की सुबह 7.19 तक से जुड़े कुछ सवाल अभी अनुत्तरित हैं। उनके जवाब तलाशने की कोशिश की जा रही है, पर इन जवाबों की तलाश में भी कहीं भी इस बात के संकेत नहीं मिल रहे कि अथर्व शिंदे की हत्या की गई है।
गेट के बाहर छलांग
एक सूत्र के अनुसार, जो सीसीटीवी फुटेज देखे गए हैं, उससे पता चला है कि जिस बंगले में पार्टी हुई, उसके एक कमरे से अथर्व सुबह 7.19 को निकला था। बंगले का गेट बंद था, इसलिए अथर्व ने गेट से बाहर छलांग लगा दी और फिर एक ऑटो को रोका। वह उसमें बैठा भी। उसने ऑटो ड्राइवर से पहले गोरेगांव, फिर कांदिवली और फिर पवई चलने को कहा। ऑटो ड्राइवर को शक हुआ कि या तो यह पागल है या नशे में है, इसलिए उसने उसे ले जाने से मना कर दिया। इसके बाद वह एक हाउसिंग सोसाइटी की तरफ गया। वहां से वह मिस्टिक बंगला नंबर एक की तरफ मुड़ा और फिर आगे बढ़ गया।
सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर वह मिस्टिंग बंगला नंबर दो और फिर बंगला नंबर 3 के बीच पहुंच गया। वहां नीचे ढलान है। वहां टूटे टायल्स भी पड़े हुए हैं और एक पेड़ का झाड़ भी है, जिसकी शाखाएं नुकीली हैं। बंगला नंबर दो में गाड़ी साफ करने वाले किसी कर्मचारी ने उसे बड़बड़ाते हुए देखा, जिसमें अथर्व कह रहा था कि 'मुझे मत मारो।' गाड़ी साफ करने वाले ने उसकी हरकतों को बंगले की किसी बाई को दिखाया। दोनों समझ गए कि वह नशे में हैं। उस दिन उसे शाम छह बजे तक उसी जगह पर देखा गया। गाड़ी साफ करने वाला ड्यूटी खत्म करने के बाद घर चला गया और अगले दिन यानी 9 मई को सुबह आया। अचानक जब उसकी नजर बंगले के पीछे पड़ी, तो अथर्व बिना किसी हलचल के वहीं पड़ा मिला। उसे शक हुआ। उसने वह बंगला मालकिन को अलर्ट किया। फिर सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कियाा गया। उसके पास मिले कुछ आईकार्ड्स से उसकी शिनाख्त हुई।
पिता को कॉल
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में तैनात उसके पिता को फौरन फोन किया गया। पिता ने बेटे की लाश की शिनाख्त कर ली, पर शक किया कि उनके बेटे की किसी ने हत्या की है, इसलिए पुलिस ने आईपीसी के सेक्शन 302 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। बाद में पुलिस कमिश्नर ने केस को कांदिवली क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया। क्राइम ब्रांच ने दर्जनों लोगों के बयान दर्ज किए हैं। बर्थ डे पार्टी में जितने भी लड़के-लड़कियां मौजूद थे, उनमें से भी अधिकांश से पूछताछ की गई। क्राइम ब्रांच ने मेडिकल रिपोर्ट्स भी देखी हैं और कई-कई बार सीसीटीवी फुटेज भी। अभी तक के इनवेस्टिगेशन में इस बात के कहीं भी संकेत नहीं मिल रहे कि अथर्व शिंदे की हत्या की गई। फिर भी एक अधिकारी का कहना है कि हमारी जांच अभी खत्म नहीं हुई है। हो सकता है कि बाद में इस केस में कुछ नए पहलू उभर कर सामने आएं।
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